Dost ke bahan ke sath hanimoon nait part 2
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Apne klej ke projekt ke silsile, mi ek rath apne behad karibi dost rajesh ke ghar gaya huaa tha. ham der rat tak projekt ka kam karte rahe, thoda brek lene me uske ghar le teres par chala gaya. jab achanak barish hone lagi to vaee ke ek kamre me chala aaya. mobail trch me jab maine vaha dekha vaha ka najara dekh meri aankhe phati ki phati rah gayi.
Video Transcription
रुपा, मैं प्रसुरी हूँ लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। तुम यहां ब्रा और पैंटी पर सोई हुई थी। तुम्हें वैसे देख मुझे तुम्हे चूने का मन हुआ। मैं अब हद से आगे बढ़ गया हूँ।
पी अल्जस मुझे मत रोको। मुझे उसकी आखें शांत सी होती हुई नजर आई। और अगले पल क्या होगा इसकी परवा करे। बग़ैर मैंने अपने हाथ को उसके ओंठों से हटा दिया। वो शांत थी और अभी भी मेरे तरफ देख रही थी। उसके उस खुब सूरत चे
पे हैरानी थी। शायद हो समझ गई थी कि वो चाह कर भी मुझे रोक नहीं पाएगी।
उसकी कच्ची जवानी का मुझे स्वाद लग चुका था। उसकी उभर्ती जवानी को तोड़े बैगर मैं उसे छोड़ने वाला नहीं था।
मैंने अपने हाथ से उसके चेहरे को पकड़ लिया और उसे अपने और करीब कर अपने ओंठों को उसके ओंठों पर रख दिया।